- सुंदरवन पश्चिम बंगाल में स्थित नेशनल पार्क और वर्ल्ड हेरिटेज साइट है।
- पूरा जंगल लगभग 10,000 वर्ग किमी परिक्षेत्र में फैला हुआ है। उसमें से कुछ हिस्सा बांग्लादेश में है।
- पूरा जंगल समंदर किनारे होने के कारण हमेशा पानी से लबालब रहता है। दिन में दो बार यहाँ पर पानी में चढ़ाव-उतार (ज्वार-भाटा) आता है
- मिनी एमेज़ोन के नाम से जाने जानेवाले इन जंगलों को देखने के लिए दुनियाभर में से टूरिस्ट्स आते हैं।
- गुजराती सैलानी यहाँ बड़ी मात्रा में जा रहे है क्योंकि अब वहाँ गुजराती और जैन भोजन भी आसानी से मिलता है।
- बुकिंग की विधि थोड़ी मुश्किल होने के कारण किसी स्थानीय ट्रैवल एजेंट या हॉटेल की सहायता से बुकिंग करवाना आसान रहेगा।
सुंदरवन केवल भारत का ही नहीं, पूरे विश्व का सबसे अनूठा जंगल है। यह जंगल मुख्य रूप से अपने बाघों और यहाँ देखे जानेवाले विभिन्न प्रकार के पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। भारत में रॉयल बंगाल टाइगर नामक बाघों की प्रजाति बसती है। इन बाघों को यह नाम इस जंगल के कारण ही मिला है। सुंदरवन पानी और जमीन पर फैला हुआ नेशनल पार्क है। सुंदरवन का पूरा इलाका वैसे तो दस हजार वर्ग किमी जितना है। इस जंगल का इलाका भारत और बांग्लादेश के बीच फैला हुआ है। भारत में इस जंगल का परिक्षेत्र (क्षेत्रफल) लगभग 4300 वर्ग किमी है। बंगाल के दक्षिण हिस्से में स्थित इस जंगल में लगभग दो बार ज्वार-भाट (चढ़ाव-उतार) आता है। इसलिए ऐसा जंगल भारत में दुर्लभ है। देश और दुनिया के कई सैलानी मिनी एमेज़ोन फॉरेस्ट के नाम से प्रसिद्ध इस जंगल को देखने के लिए उमड़ पड़ते है।
गुजरातियों के लिए अच्छी बात ये है कि यहाँ अब शाकाहारी एवं जैन भोजन आसानी से उपलब्ध है। खास तौर पर गुजराती लोगों को टूरिज़म पैकेज में जो भी चाहिए वो सब कुछ यहाँ मिलता है। कलकत्ता से 100 किमी दूर दक्षिण में सुंदरवन का जंगल बसा है। जंगल के बाहर ही सजनेखाली चेकपोस्ट से पर्मिशन लेकर सैलानी जंगल में जा सकते है।
भारत के सभी नेशनल पार्क्स में जंगल सफारी का लुत्फ उठाया जा सकता है। ऐसी ही जंगल सफारी यहाँ भी मौजूद है। लेकिन यहाँ फर्क केवल इतना है कि यह जंगल सफारी बोट (नौका) में की जाती है। अन्य सभी जंगलों में आप जिप्सी पे सवार होकर घूमते है। लेकिन सुंदरवन में तो नाव से घूमना ही एकमात्र विकल्प है। सुंदरवन में 104 टापू है और उसमें से 54 टापुओं पर इंसान रहते है। बाकी टापू अंदरूनी इलाको में है, जहां बाघो के अलावा किसी का शासन नहीं चलता। ऐसे टापूओं के बीच जब छोटी खाड़ियों में से नौका निकलती है तब ऐसा लगता है कि जैसे हम सामान्य से दूर कोई अलग ही दुनिया में पहुँच गए है।
सुंदरी नामक प्रजाति के दुर्लभ मेंग्रोव्स यहाँ पर देखने को मिलते है, इसलिए इस जंगल का नाम सुंदरवन है। यहाँ लगभग 100 बाघ बसते है। खारे पानी में ही बसने के कारण यह बाघ जन्म से ही मानवभक्षी होते है। हर साल 50-60 लोग बाघ का शिकार बनते ही है।
गोसाबा टापू सुंदरवन का प्रवेशद्वार है। इस टापू के छोर पर सोनार बांग्ला (www.hotelsonarbangla.com/sundarban)नाम का रिसोर्ट है। गुजराती सैलानी यहाँ पर बड़ी संख्या में रुकते है, क्योंकि यहाँ पर गुजराती शाकाहारी भोजन के अलावा जैन भोजन भी मिलता है। सुंदरवन में स्थित यह एकमात्र फाइव स्टार रिसोर्ट है। इसलिए आराम करने और लक्जरी के लिहाज से भी गुजराती सैलानियों के लिए यह पहली पसंद है। वैसे तो इस इलाके में काफी होटेल्स है लेकिन वहाँ सीमित सुविधाएं होने के कारण सैलानियों को कुछ खास पसंद नहीं है। सुंदरवन में 400 से अधिक प्रकार के पक्षी बसते है। लेकिन अकेले सोनार बांग्ला रिसोर्ट में ही 2 दर्जन से अधिक प्रकार के पक्षी देखने को मिल जाते है।
सुंदरवन के सफर के लिए कुछ टिप्स
- कलकत्ता और सुंदरवन भारत के पूर्वी छोर पर होने के कारण यहाँ पर सूर्योदय और सूर्यास्त जल्दी होते है। इसलिए दिन की शुरुआत जल्दी होती है और शाम को 5 बजे तक तो अंधेरा हो जाता है।
- सुंदरवन कलकत्ता से 100 किमी दूर है। 3 घंटे की रोड सवारी से यहाँ पहुंचा जा सकता है।
- जंगल में बाघ के अलावा जंगली सूअर, मगरमच्छ, तरह तरह के पक्षी, जंगली बिल्ली, मॉनिटर लिजर्ड जैसे अनेक प्राणी भी देखने को मिलते है।
- प्राणियों के अलावा दूसरा सबसे बड़ा आकर्षण है यहाँ देखने मिलनेवाले विभिन्न प्रकार के मेंग्रोव्स के पेड़। सैलानी आसानी से जंगल का नजारा देख सके इसलिए जगह जगह वॉच टावर बनाए गए है, जिसके ऊपर चलकर आप जंगल घूम सकते है।
- यह जंगल पानी में है, इसलिए यहाँ बोट से ही जा सकते है। जंगल को अच्छी तरह देखने के लिए पूरे दिन की बोट सवारी का चुनाव करना चाहिए।
- बोट बुकिंग, जंगल परमिट, सफारी परमिट, गाइड, ट्रांसपोर्टेशन इत्यादि झंझट में अगर नहीं पड़ना चाहते है तो सोनार बांग्ला या अन्य किसी स्थानीय होटल से संपर्क कर उनके माध्यम से आप बूकिंग करा सकते है। वो ज्यादा आसान होगा।